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आज हम जानेंगे शिलाजीत क्या है, शिलाजीत के फायेदे, कैसे उपयोग करे आदि बातें। आइये जानते है शिलाजीत क्या है ।दरसल शिलाजीत एक चिपचिपा पदार्थ है जो मुख्य रूप से हिमालय की चट्टानों में पाया जाता है। यह पौधों के धीमे विघटन से सदियों से विकसित होता है। शिलाजीत का उपयोग आमतौर पर हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। यह एक प्रभावी और सुरक्षित आयुर्वेदिक दवाओं में से है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है।शिलाजीत पर्वतीय इलाको में पाया जाने वाली एक अनोखा खनिज पदार्थ और आयुर्वेदिक दवा है।
इसीलिये इसे प्रकृति का एक अनोखा और अनूठा उपहार हम मानव जाति के लिए माना जाता है ।
शिलाजीत बहुत ही दुर्लभ आयुर्वेदिक दवाओं में से एक है , और इसके फायेदे भी इसी की तरह बहुत ही अनोखे हैं । आपको भी शिलाजीत के फायदो के बारे में ज़रूर जानकारी होनी चाहिये ।
जैसे - शिलाजीत - जो आयुर्वेद में कायाकल्प (रसायण) उपचारों के लिए जाना जाता है । साथ ही इसमे अश्वगंधा, कौंच, विदारी, मुसली आदि जड़ी बूटियों से साथ सोना, चांदी और यशद भस्म को मिलाकर बनाया गया है।
अश्वगंधा : तनाव को कम करने मदद करता है और इम्युनिटी के लिए अच्छा है।
शकरकरा और सफद मुसली ताकत बढ़ाने वाले हैं।
गोखुरा : इसमे एंटी-थिकनेस गुण होते हैं ।
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आज हम जानेंगे शिलाजीत क्या है, शिलाजीत के फायेदे, कैसे उपयोग करे आदि बातें। आइये जानते है शिलाजीत क्या है ।दरसल शिलाजीत एक चिपचिपा पदार्थ है जो मुख्य रूप से हिमालय की चट्टानों में पाया जाता है। यह पौधों के धीमे विघटन से सदियों से विकसित होता है। शिलाजीत का उपयोग आमतौर पर हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। यह एक प्रभावी और सुरक्षित आयुर्वेदिक दवाओं में से है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है।शिलाजीत पर्वतीय इलाको में पाया जाने वाली एक अनोखा खनिज पदार्थ और आयुर्वेदिक दवा है।
शिलाजीत औषधीय गुणों से भरा प्रकृति का उपहार है शिलाजीत शारीरिक और मानसिक समस्याओं से बचाव करता है और उनके बीमारियों के असर को कम करता है। आज के इस लेख में हम आपको शिलाजीत के फायदे, शिलाजीत का प्रयोग और शिलाजीत खाने का तरीका बतायेंगे । और इसके अतिरिक्त आप जानेंगे शिलाजीत से होने वाले नुकसान और शिलाजीत की पहचान कैसे की जाये !
इसकी भी जानकारी विस्तार से देंगे। आज की इस लेख में आप जानेंगे शिलाजीत के फायदों के बारे में और ये किस तरह आपको बीमारी से बचाने में मदद कर सकता हैं।
आइये जानते हैं
शिलाजीत क्या है? – What is Shilajit in Hindi
शिलाजीत एक प्राकृतिक खनिज पदार्थ है। यह प्रकृति द्वारा हम इंसानों को दिया गया उपहार है इसका निर्माण हिमालय पर्वत में या और भी पर्वतों में होता है । इसका निर्माण प्राकृतिक रूप से खुद ही होता है, लेकिन इसे बननें में कुछ साल या हजारों साल लगते जाते हैं ।
शोधकर्ताओं की माने तो शिलाजीत यूफोरबिया, रायलियाना और ट्राइफोलिया रेपेंस जैसे पौधों की प्रजातियों के अपघटन (Decomposition) क्रिया के बाद बनता है ।
इसीलिये इसे प्रकृति का एक अनोखा और अनूठा उपहार हम मानव जाति के लिए माना जाता है ।
शिलाजीत के बारे में जाने :
लैटिन नाम: एस्फैल्टम पंजाबिअनम
सामान्य नाम: ऐस्फाल्ट, मिनरल पिच, मिनरल वैक्स, शिलाजीत
संस्कृत नाम: शिलाजीत, शिलाजतु
सामान्य नाम: ऐस्फाल्ट, मिनरल पिच, मिनरल वैक्स, शिलाजीत
संस्कृत नाम: शिलाजीत, शिलाजतु
भौगोलिक विवरण:
हिमालय के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर में शिलाजीत सबसे ज्यादा पाया जाता है। भारत के अलावा भी शिलाजीत अन्य देशो जैसे चीन, नेपाल, पाकिस्तान, तिब्बत और अफगानिस्तान में पाया जाता है।
शिलाजीत की पहचान :
आयुर्वेदिक ज्ञानियों के अनुसार शिलाजीत से गौमूत्र जैसी गंध आती है।
यह चिपचिपा पदार्थ के रूप में पाया जाता है ।
इसका स्वाद कसौला होता है ।
इसके रंग काला सा होता है।
यह चिपचिपा पदार्थ के रूप में पाया जाता है ।
इसका स्वाद कसौला होता है ।
इसके रंग काला सा होता है।
शिलाजीत के फायदे – Benefits of Shilajit in Hindi
शिलाजीत के फायदे :
शिलाजीत बहुत ही दुर्लभ आयुर्वेदिक दवाओं में से एक है , और इसके फायेदे भी इसी की तरह बहुत ही अनोखे हैं । आपको भी शिलाजीत के फायदो के बारे में ज़रूर जानकारी होनी चाहिये ।
शिलाजीत, जिसे खनिज भी कहा जाता है, यह एक संयंत्र पदार्थ और खनिजों को तोड़ने की लंबी प्रक्रिया का परिणाम है। यह एक चिपचिपा, काला, टार जैसा पदार्थ है जो ऊंची पहाड़ो में चट्टानों से आता है। यह यही पहाड़ो के बीच पनपता है ।
शिलाजीत भारत और तिब्बत में सबसे पहले देखने को मिला था लेकिन आज के समय ये और भी कई देशों में पाया जाने लगा है ।
शिलाजीत का उपयोग भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में सदियों से किया जाता रहा है, और इसमें मौजूद यौगिक कई health problem के लिए फायदेमंद होता हैं। इस लेख में, इस प्राकृतिक रूप से जन्मे अनोखे शिलाजीत से पाए जाने वाले पदार्थ के लाभों और उसके दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानें।
शिलाजीत के लाभ :
जब शिलाजीत या कोई अन्य आयुर्वेदिक दवाओं को सही तरीके से उपयोग किया जाता है, ये आयुर्वेदिक दवायें और शिलाजीत के शरीर के कई हिस्सों में लाभ हो सकते हैं। शिलाजीत में फोलिक और ह्यूमिक एसिड की उच्च सांद्रता के साथ-साथ कई खनिजों के होने की संभावनाए होती है।
शिलाजीत का उपयोग आयुर्वेद के अनुसार किया जाए तो ये इसके बहुत से फायेदे है।
आइये देखते हैं शिलाजीत के फायेदे
1. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या:
(HBP) हाई ब्लड प्रेशर की समस्या जिस को भी हो वह व्यक्ति शिलाजीत का उपयोग कर के इस समस्या से उवर सकता हैं। क्यों कि शिलाजीत में पोटैशियम पाया जाता है । आयुर्वेद और आयुर्वेदिक विज्ञान के अनुसार यह बताया गया है कि पोटैशियम ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम कर सकता है। शिलाजीत आपको high blood pressor की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है।
2.गठिया में शिलाजीत का प्रयोग - Shilajit Use fo
r Arthritis in Hindi :
गठिया (arthritis) जोड़ो का एक ऐसा रोग ऐसी समस्या है जिसमे जोड़ो में सूजन एवं अकड़न से जोड़ो के दर्द रहता है ये उम्र के साथ या किसी लंबी बीमारी के बाद इंसान में हो जाती है । इस बीमारी के कारण वायु के कुपित होने से तथा वायु का शरीर मे बढ़ जाने से होती है।
शिलाजीत के उपयोग से जोड़ो के दर्द और सूजन में राहत मिलती है साथ ही शिलाजीत अकड़न दूर करता है और जोड़ो को मज़बूत भी बनाता है। शिलाजीत में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाने की वजह से ये जोड़ों के दर्द को कम करता है और इस तरह ये गठिया के उपचार में उपयोगी साबित हुआ ।
यह जोड़ों को मजबूती देता है तथा जोड़ों में blood serculation को बढ़ाता है। शिलाजीत सूजन ख़त्म करता है , फिर वो गठिया के कारण हो या किसी और कारण से ।
3. शिलाजीत का फायेदा उच्च रक्तवसा से राहत पाने में - Shilajit for Cholesterol in Hindi
उच्च रक्तवसा या हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल (high cholesterol level) शरीर के रक्त प्रवाह में अड़चन डालता है जिसकीे वजह से दिल के दौरे तथा दिल की अन्य भयानक बीमारी होने का खतरा बना रहता है। अगर आप ऐसी किसी भी मुसीबत से बचना चाहते हैं तो ये जानिए - शिलाजीत रक्त में bad कोलेस्ट्रॉल को कम करता है । और good कोलेस्ट्रॉल के स्तर बनाकर राखता है !
इस कारण आपको दिल से संबंधित किसी भी तरह की प्रॉब्लम से शिलाजीत बचा कर रखता है। शिलाजीत दिल से सम्बन्धित अन्य समस्याओं को भी कम करने में help करता है।
4. अर्थराइटिस के इलाज में
अर्थराइटिस की समस्या में शिलाजीत का प्रयोग करने से लाभ मिलता है । अर्थराइटिस से दर्द और सूजन होने से जो शरीर के जोड़ कमजोर हो जाते है उस स्थिति में शिलाजीत बेहद राहत पहुचता है । शिलाजीत में फुलविक एसिड के रूप में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो अर्थराइटिस में होने वाले दर्द और सूजन में आपको राहत दिलाता है ।
5. डायबिटीज के उपचार में
शिलाजीत का प्रयोग डायबिटीज से होने वाली परेशानियों में भी किया जा सकता है। क्योंकि शिलाजीत में एंटी-डायबिटिक गुण पाए होते हैैं। यह ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को maintain बनाये रखने में मदद करता है। यही कारण है कि शिलाजीत डियाबिटिस में रोगी को कुछ हद तक राहत पहुँचता वहीं, और शिलाजीत डायबिटीज में प्रयोग करने से उसके लक्षणों को कम करने की क्षमता रखता है ।
6. कोलेस्ट्रॉल को करे कंट्रोल
शिलाजीत का प्रयोग कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिये किया जा सकता है। कोलेस्ट्रॉल वसा का ही रूप होता है जो हमारे शरीर की नशो में जमा हो जाता है ये सबसे ज्यादा दिल से आने जाने वाली नशो में पाया जाता है जैसा वसा पदार्थ होता है, जो आपके शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है । लेकिन इसकी मात्रा ज्यादा होने पर ये कोलेस्ट्रॉल का रूप ले लेता है । इस स्थिति में शिलाजीत के प्रयोग से सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है । इसलिए, अगर कोलेस्ट्रॉल से बचना हैं, तो डॉक्टर की सलाह ले कर शिलाजीत को अपनी लाइफ में ज़रूर शामिल करें ।
7. अल्जाइमर में शिलाजीत का प्रयोग
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में एक अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि शिलाजीत का उपयोग पारंपरिक रूप से दीर्घायु और बुढ़ापे को धीमा करने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद यौगिक संज्ञानात्मक विकारों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं, जैसे अल्जाइमर।
अल्जाइमर रोग मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा उत्पन्न करता है, जिससे आपकी याददाश्त, सोचने की शक्ति और व्यवहार पर असर पड़ता है । ऐसी बीमारी या हालत में शिलाजीत का प्रयोग लाभकारी साबित हो सकता है। क्योंकि शिलाजीत में पाए जाने वाले फुलविक एसिड में याददाश्त बढ़ाने वाले गुण व क्षमता को देखा गया है ।
जो अल्जाइमर में लाभकारी हो सकता है। तथा फुलविक एसिड में एंटी-एग्रीगेशन (Antiaggregation – एक चिकित्सकीय गुण) गुण होता है, जो अल्जाइमर के रोगियों लिए किसी अमृत से कम नही है ।
8. हृदय स्वास्थ्य में शिलाजीत का प्रयोग
शिलाजीत को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तब ये हृदय को भी स्वस्थ रख सकता है। आप जानते ही हैं शिलाजीत में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है। एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया कि जिन खाद्य पदार्थ में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है वो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में तथा कैंसर और हृदय रोग से भी बचाता है ।
9. एनीमिया की स्थिति में
एनीमिया वह स्थिति होती है जब खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी जाती है, इसमे रक्त के साथ ऑक्सीजन शरीर के सभी हिस्सों तक ठीक से नहीं पहुंचा पाती है। तब शिलाजीत के पप्रयोग से इस रोग से बचा जा सकता है। क्योंकि शिलाजीत में आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जिससे एनीमिया में लाभ मिलता है साथ ही ये एनीमिया के लक्षणों को कम करती है।
10. थकान को दूर करे शिलाजीत
शिलाजीत में काफी मात्रा में पोषक खनिज पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं क्योंकि शिलाजीत में यह सभी पाए जाते हैं तब हम शिलाजीत के प्रयोग से से शिलाजीत के प्रयोग से से अपने शरीर के immune system को मजबूत कर सकते हैं ,
और साथ ही हमें जो कमजोरी महसूस होती है शिलाजीत का प्रयोग से वह खत्म हो जाती है और हम खुद को तरोताजा महसूस करते हैं
11. इनफर्टिलिटी और टेस्टोस्टेरोन के लिए : यौन शक्ति बढ़ाये शिलाजीत
इनफर्टिलिटी की समस्या न हो इसके लिए आप शिलाजीत का सेवन कर सकते हैं। क्यों कि शिलाजीत में सक्रिय एंड्रोजेनिक (Androgenic – एक हार्मोन) के गुण पाये जाते है, जो कि कैडमियम (Cadmium – एक रासायनिक तत्व) से होने वाली इनफर्टिलिटी के विपरीत प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन एक मेल हार्मोन है, जो यौन क्रिया में एक पुरूष का साथ देता है । हंटिंगटन कॉलेज ऑफ हेल्थ साइंस (Huntington College of Health Sciences) में हुये वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया है कि शिलाजीत ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके टेस्टोस्टेरोन और स्पर्म काउंट की बढ़ोतरी के साथ स्पर्म की गतिविधि को तेज करने में सहायक है ।
12. यूरीनरी (Urinary) संबंधी समस्याओं में शिलाजीत के प्रयोग
शिलाजीत का प्रयोग यूरीनरी संबंधी समस्याओं से बचने व दूर रहने में किया जा सकता है । क्योंकि शिलाजीत में फुलविक एसिड की पाई जाती है। यह एसिड यूरीनरी संबंधी समस्याओं से आपको दूर रख सकती है ।
13. दिमाग तेज करे शिलाजीत
शिलाजीत का प्रयोग आ गया और सही ढंग से किया जाए प्रयाग की दिमागी ताकत बढ़ाने में भी सहायक हो सकता है और होता भी है कॉग्निटिव डिसऑर्डर (Cognitive Disorders – मस्तिष्क संबंधी विकार) एक इस तरह की बीमारी है जिसमें मस्तिष्क की काम करने की क्षमता कम हो जाती है हम भूलने लगते हैं
इस स्थिति में अगर शिलाजीत का प्रयोग किया जाए तो हमें इस बीमारी के लक्षणों में काफी राहत मिलती है और शिलाजीत से मानसिक तथा शारीरिक कमजोरी को दूर किया जा सकता है ।
14. एंटी-एजिंग के रूप में शिलाजीत का प्रयोग
आज के समय में जवान दिखना किसे पसंद नहीं अगर आपके चेहरे पर झुरिया हैं हैं आप कमजोर थके हुए लगते हैं उस स्थिति में आप शिलाजीत का प्रयोग कर सकते हैं यह आपको जवाब दिखने में कभी मदद करेगा । क्यों कि शिलाजीत में एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं।
शिलाजीत के यह शरीर में मुक्त कणों और सेलुलर क्षति को कम करने में मदद कर सकता है, जो उम्र बढ़ने के दो प्रमुख कारक हैं शिलाजीत त्वचा में एक अलग ही चमक लाने मदद करते हैं साथ ही शरीर में आई हुई कमजोरी को भी दूर करने में काफी लाभकारी साबित होते हैं जिससे आप कुछ हद तक जवान लगने लगते हैं।
15. एंटीवायरल Antiviral :
शिलाजीत में पाए जाने वाले खनिजों और यौगिक भी वायरस से लड़ने में मदद कर सकते है। एक शोध अध्ययन में कहा गया है कि शिलाजीत अलग-अलग वातावरण में कई अलग-अलग विषाणुओं को मार सकता है।16. लिवर कैंसर :
शिलाजीत कुछ प्रकार की कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में आपके शरीर की help कर सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि शिलाजीत ने लीवर में कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद की।
अब जानते हैं कि शिलाजीत को किस तरह यूज को किस तरह यूज किया जाए शिलाजीत को यूज करने के क्या वह सही तरीके हैं चलिए जानते हैं ।
शिलाजीत का उपयोग – How to Use Shilajit in Hindi
नीचे दिए हुए कोई भी प्रयोग अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य परामर्श लें तथा जाने की ये की ये आपके लिए सही है या नहीं तभी आप इनका प्रयोग खुद पर करें ।
इलाइची के दाने और शहद के साथ शिलाजीत पाउडर का सेवन किया जा सकता है।शिलाजीत का सेवन घी या मक्खन के साथ भी कर सकते हैं।शिलाजीत का सेवन दूध के साथ भी किया जा सकता है।
नारियल तेल के साथ भी शिलाजीत का सेवन किया जा सकता है।
शिलाजीत का प्रयोग किस समय करें
कब खाएं : शिलाजीत का सेवन रात को सोने से पहले कर सकते हैं । ज्यादा जानकारी के लिए अपन नज़दीकीे आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें ।
शिलाजीत Dosage :
प्रतिदिन शिलाजीत की 300-500 मिलीग्राम मात्रा का उपयोग कर सकते है । परंतु याद रहे शिलाजीत की यह मात्रा व्यक्ति की शारीरिक क्षमता के अनुसार अलग अलग हो सकती है। खुद डॉक्टर ने बने डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है । शिलाजीत के ज्यादा मात्रा का प्रयोग लाभ की वजह हानि भी पहुचा सकता है ।
शिलाजीत की तासीर क्या होती है - Shilajit taseer in Hindi
शिलाजीत की तासीर गर्म तथा पचने में भरी होता है। इसलिए इसका सेवन गर्मियों में में ज्यादा न करने की सलाह दी जाती है ।सर्दियों में खांसी, जुखाम, वायरल इंफेक्शन से बचने के लिए इसका सेवन में अधिक मात्रा में सेवन करना फायदेमंद हो सकता है ।
हर चीज के फायदे और नुकसान होते हैं के फायदे और नुकसान होते हैं तो शिलाजीत के क्यों नहीं जिया शिलाजीत के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं अगर हम इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करें तो अयोध्या महल शिलाजीत से होने वाले नुकसान के बारे में कैसे आप इन से बच सकते हैं।
शिलाजीत के नुकसान - side effects of Shilajit in hindi:
Supplement के रूप में शिलाजीत का उपयोग लंबे समय लिए सुरक्षित है।
शिलाजीत रक्तचाप को कम कर सकता है, इसलिए जस्ट का रक्तचाप कम रहता है है रक्तचाप कम रहता है है है वह शिलाजीत लेने से बचें। सक्रिय हृदय रोग या हाइपोटेंशन के वाले लोगों को भी शिलाजीत लेने से बचना चाहिए।
कम-गुणवत्ता वाले शिलाजीत में भारी धातुओं, मुक्त कणों और यहां तक कि आर्सेनिक भी पाया जाता है जो हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव डाल सकता है ।
शिलाजीत का ग़लत तरीके से उपयोग करने या फिर इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से हानि पहुँच सकती है। शिलाजीत में लौह (iron) की मात्रा ज्यादा होने से लौह संबंधित रोग हो सकते है। शिलाजीत का सेवन ज़्यादा अधिक करने से इससे एलर्जी होने का डर भी बना रहता है ।
गर्भावस्था (Pregnancy) में इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना उचित होगा ।
आज शिलाजीत की मांग बाजार में तेजी से बढ़ गई है तेजी से बढ़ गई है इसी के कारण विदेशी कंपनियां शिलाजीत का निर्माण प्राकृतिक ढंग से न करके औधोगिक तरीके से कर रहे हैं तथा मार्केट में मिलने वाला शिलाजीत शुद्ध शिलाजीत नहीं होता है कुछ मामलों में हो सकता है इसीलिए जब भी आप तो बाजार में शिलाजीत लेने निकले तो इसकी ठीक से जांच पड़ताल करके ही खरीदें ।
शिलाजीत की कई प्रकार बाजार कई प्रकार बाजार में उपलब्ध है इन सभी के बारे में विस्तार से जानेंगे चलिए
देखते हैं इन के प्रकार :
वैसे तो शिलाजीत चिपचिपा सा पदार्थ होता है एक टार के समान होता है ले
इसका तरह-तरह की दवाइयों को बनाने में किया जाता है यह पाउडर के रूप में भी उपलब्ध है तथा उसके कैप्सूल भी भी कैप्सूल भी बनते हैं और टैबलेट मैं भी बाजार में उपलब्ध होता है ।
भारत में कई देसी कंपनियां शिलाजीत को अलग-अलग फोन में बनाती है इनमें से कुछ जानी-मानी कंपनियां जैसे डावर, बैद्यनाथ और पतंजलि है
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क्या आपको ताकत और की कमी महसूस होती है? क्या दिन और रात में ऊर्जा की कमी महसूस होती है? क्या आप दैनिक जीवन में ज्यादा बल की चाहत करते हैं? यदि आपका जवाब हां है तो डाबर शिलाजीत गोल्ड आपके लिए है।
शिलाजीत गोल्ड एक आयुर्वेदिक फॉर्मूला है जो शक्ति, और बल बढ़ाता है और सामान्य कमजोरी से राहत देता है। शिलाजीत गोल्ड में सभी घटक आयुर्वेदिक हैं ।
जैसे - शिलाजीत - जो आयुर्वेद में कायाकल्प (रसायण) उपचारों के लिए जाना जाता है । साथ ही इसमे अश्वगंधा, कौंच, विदारी, मुसली आदि जड़ी बूटियों से साथ सोना, चांदी और यशद भस्म को मिलाकर बनाया गया है।
शिलाजीत गोल्ड में जिन जड़ी बूटियों और भस्म का प्रयोग किया गया है वे आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार शक्तिवर्धक और फायदेमंद है। शिलाजीत गोल्ड के अवयव एक सम्पूर्ण फॉर्मूला है जो किसी पुरुष के लिए बेहद ज़रूरी हो सकता है ।
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इसमे मौजूद
कापिकाचू : जो एक एंटीऑक्सिडेंट है और इसमें न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव है।
शिलाजीत (शुद्ध शिलाजीत): मांसपेशियों में एटीपी संश्लेषण में मदद करता है। इसमे तनाव को कम करने तथा एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
कापिकाचू : जो एक एंटीऑक्सिडेंट है और इसमें न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव है।
शिलाजीत (शुद्ध शिलाजीत): मांसपेशियों में एटीपी संश्लेषण में मदद करता है। इसमे तनाव को कम करने तथा एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
अश्वगंधा : तनाव को कम करने मदद करता है और इम्युनिटी के लिए अच्छा है।
शकरकरा और सफद मुसली ताकत बढ़ाने वाले हैं।
गोखुरा : इसमे एंटी-थिकनेस गुण होते हैं ।
Dabur Shilajit Gold INGREDIENTS:
1 | Atmagupta (Mucuna prurita, Sd., Ext.) | 90 mg |
2 | Gokshura (Tribulus terrestris, Fr., Ext.) | 90 mg |
3 | Powders of Suddha Shilajit | 50 mg |
4 | Musali (Chlorophytum tuberosum, Rt.) | 50 mg |
5 | Varahi (Dioscorea bulbifera, Tr.) | 45 mg |
6 | Vidari (Pueraria tuberosa, Tr.) | 45 mg |
7 | Akarakarabha (Anacyclus pyrethrum, Rt.) | 10 mg |
8 | Lavanga (Syzygium aromaticum, FI. Bd.) | 10 mg |
9 | Kunkuma (Crocus sativus, Stg.) | 10 mg |
10 | Tvak (Cinnamomum zeylanicum, Bk.) | 10 mg |
11 | Karpura (Cinnamomum camphora, Sub. Ext.) | 9 mg |
12 | Jatiphala (Myristica fragrans, Sd., Ol.) | 3 mg |
13 | Yasada Bhasma | 15 mg |
14 | Rajata Bhasma | 5 mg |
15 | Swarna Bhasma | 1 mg |
16 | Ashwagandha (Withania somnifera, Rt., Ext.) | 75 mg |
सवर्ण भस्म, रजत भस्म, यशद भस्म: ये शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति बढ़ाने वाले होते हैं और ये एंटीऑक्सीडेंट गुणो से भरपूर होते हैं ।
1 Comments
nice
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